प्लीज दो मिनट का समय निकाल कर आवश्य पढें पूरी पढ़े बिना कमेंट न करे मुझे आज तक ये समझ नहीं आया कि ये औरतें अपना नग्न शरीर अपने पति के अलावा किसको और क्यूँ और किस लिऐ| दिखाती हैं हम अपने संस्कार और संस्कृती भूल गए हैं


प्लीज दो मिनट का समय निकाल कर आवश्य पढें

पूरी पढ़े बिना कमेंट न करे

मुझे आज तक ये समझ नहीं आया कि ये औरतें अपना नग्न शरीर अपने पति के अलावा किसको और क्यूँ और किस लिऐ| दिखाती हैं
हम अपने संस्कार और संस्कृती भूल गए हैं


लड़कियो के अनावश्यक नग्नता वाली पोशाक में घूमने पर तर्क है....इन कपड़ो के पीछे
कुछ लड़किया कहती है कि हम क्या पहनेगे ये हम तय करेंगे....पुरुष नहीं.....
जी बहुत अच्छी बात है.....आप ही तय करे....लेकिन हम पुरुष भी किस लड़की का सम्मान/मदद करेंगे ये भी हम तय करेंगे, स्त्रीया नहीं.... और हम किसी का सम्मान नहीं करेंगे इसका अर्थ ये नहीं कि हम उसका अपमान करेंगे
फिर कुछ विवेकहीन लड़किया कहती है कि हमें आज़ादी है अपनी ज़िन्दगी जीने की.....
जी बिल्कुल आज़ादी है,ऐसी आज़ादी सबको मिले, व्यक्ति को चरस गंजा ड्रग्स ब्राउन शुगर लेने की आज़ादी हो, मांस खाने की आज़ादी हो,वैश्यालय जाने और खोलने की आज़ादी हो . हर तरफ से व्यक्ति को आज़ादी हमें औरतो से क्या समस्या है??
लड़को को संस्कारो का पाठ पढ़ाने वाला कुंठित स्त्री समुदाय क्या इस बात का उत्तर देगा की क्या भारतीय परम्परा में ये बात शोभा देती है की एक लड़की अपने भाई या पिता के आगे अपने निजी अंगो का प्रदर्शन बेशर्मी से करे??? क्या ये लड़किया पुरुषो को भाई/पिता की नज़र से देखती है ??? जब ये खुद पुरुषो को भाई/पिता की नज़र से नहीं देखती तो फिर खुद किस अधिकार से ये कहती है की "हमें माँ/बहन की नज़र से देखो"
कौन सी माँ बहन अपने भाई बेटे के आगे नंगी होती है??? भारत में तो ऐसा कभी नहीं होता था....
सत्य ये है कीअश्लीलता को किसी भी दृष्टिकोण से सही नहीं ठहराया जा सकता। ये कम उम्र के बच्चों को यौन अपराधो की तरफ ले जाने वाली एक नशे की दूकान है।।और इसका उत्पादन स्त्री समुदाय करता है।
मष्तिष्क विज्ञान के अनुसार 4 तरह के नशो में एक नशा अश्लीलता भी है।
चाणक्य ने चाणक्य सूत्र में सेक्स को सबसे बड़ा नशा और बीमारी बताया है।।
अगर ये नग्नता आधुनिकता का प्रतीक है तो फिर पूरा नग्न होकर स्त्रीया अत्याधुनिकता का परिचय क्यों नहीं देती????
गली गली और हर मोहल्ले में जिस तरह शराब की दुकान खोल देने पर बच्चों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ता है उसी तरह अश्लीलता समाज में यौन अपराधो को जन्म देती है।।

√ मेरा मकसद किसी का दिल दुखना नही है सभी को अपना जीवन अपने तरीके से जीने का अधिकार है बस तरीका सही होना चाहिए ।

ये पिक्चर तो एक नमूना है इससे वाहीयात फोटो तो बहुत से लोगों ने देखी होगीं
मुझे जो उचित लगा मैने कह दिया निर्णय आपका है।

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