और फिर कब मौत आकर गले लगा, सारी परेशानियाँ दूर कर देती है। समझने का मौका भी नहीं मिलता।

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एक लड़की के जीवन
की शुरूआत,
इस दुनिया में आने से नहीं
एक अंजान इंसान,
के घर में ग्रह प्रवेश करने से होती है।
जहाँ पूरा समय यह सोचकर बीतता है,
अपना घर कौन है?
शिकायत किससे करुँ?
आज मन नहीं काम करने का किस माँ से कहूँ?
आज जन्मदिन है मेरी बताऊँ या नहीं?
आज तबियत खराब है काम कौन करेगा?

------और फिर कब मौत आकर गले लगा, सारी परेशानियाँ दूर कर देती है। समझने का मौका भी नहीं मिलता।

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