।। कर्मो का खेल ।।


◆ जिस प्रकार धान की फसल के बीच गेहूं के पौधे उग रहें हैं तो निश्चित है कि हमने उस खेत में कभी ना कभी गेहूं के दाने जरूर बोये थे।
◆ इसी प्रकार सब कुछ ठीक होते हुए भी यदि हमारे जीवन में दुःख, समस्याएं, बिमारियाँ आदि आती रहती हैं तो निश्चित है....

◆ कि इस जन्म में नही तो पूर्व जन्मों में जरूर हमने जीवन रूपी खेत में विकर्मो के बीज बोये थे, जिनका फल अब हमे मिल रहा है । वर्ना बिना बीज के फल कहाँ से आएंगे
◆ इसलिए परिस्थितियों के लिए दूसरों के ऊपर दोषारोपण करने के बजाए कर्मो के अविनाशी सत्य को स्वीकार करते चलें, इससे परिस्थितियों के प्रति हमारा दृष्टिकोण बदल जायेगा।

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