Llआओ....... चलो दूर तक अजनबी रास्तों पर पैदल चले कुछ न कहें

Llआओ.......
चलो दूर तक
अजनबी रास्तों पर पैदल चले
कुछ न कहें

अपनी तनहाइयाँ लिए
सवालों के दायरे से निकलकर

रिवाजों की सरहदों से परे
हम यूँ ही साथ चलते रहें

कुछ न कहें
तुम अपने माजी का

कोई ज़िक्र न छेडो
मैं भूली हुई कोई नज़्म न दुहराऊँ

चलो दूर तक



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