राहुल गांधी जी,
देश अब नहीं, तब बेचा जा रहा था।
***************************
राहुल गांधी लगातार यह राग अलाप रहे है कि मोदी देश बेचे डाल रहा है। अतः उन्हें यह याद दिलाना जरूरी है कि देश अब नहीं तब बेचा जा रहा था।
परसों अपनी पोस्ट में बता चुका हूं कि मार्च 2014 में 51 हजार करोड़ की परिसम्पत्तियों वाली एयर इंडिया पर 54 हजार करोड़ का कर्ज छोड़ कर गयी थी यूपीए। अर्थात एयर इंडिया तो कर्जदारों के हाथों 2014 में ही बिक चुकी थी। और बिकने के बावजूद 3 हजार करोड़ का कर्ज बकाया था।
आज इस पोस्ट में जानिए कि यूपीए शासनकाल में भारत सरकार के एक अन्य नवरत्न उपक्रम BSNL को किस तरह लूटा खसोटा गया।
मई 2004 में अटल जी ने जब कांग्रेसी यूपीए को सत्ता सौंपी उस वर्ष (2003-04) में BSNL का लाभ 5976 करोड़ अर्थात लगभग 6000 करोड़ रुपए था। 2004-05 में यह बढ़कर 10183 करोड़ हो गया था। स्पष्ट है कि यह अटल जी की सरकार के 6 वर्ष के शासनकाल का ही प्रतिफल था।
लेकिन मई 2014 में जब मनमोहन सिंह ने यूपीए सरकार को सत्ता सौंपी, उस वर्ष (2013-14) में BSNL को 14979 करोड़ का घाटा हुआ था। उससे पहले BSNL को 2012-13 में 7884 करोड़ रुपए, 2011-12 में 8851 करोड़ रुपए, 2010-11 में 6384 करोड़ रुपए तथा 2009-10 में 1822 करोड़ रुपएका घाटा हुआ था। अर्थात मार्च 2009 से मार्च 2014 के मध्य 5 वर्ष की समयावधि में BSNL को 39920 करोड़ का घाटा हो चुका था। मार्च 2014 तक BSNL पर 21000 करोड़ से ज्यादा का कर्ज भी चढ़ चुका था। यह स्थिति बताती है कि उन 5 वर्षों के दौरान BSNL को किस बुरी तरह से लूटा खसोटा बेचा गया था।
उल्लेख कर दूं कि BSNL के इतिहास में वर्ष 2009-10 पहला ऐसा वित्तीय वर्ष था जब BSNL को घाटा हुआ था। इसी वर्ष से BSNL को घाटे की शुरुआत हुई थी। 2009-10 से पूर्व BSNL भारत सरकार के उन नवरत्न उपक्रमों में से एक था जो हर वर्ष भरपूर लाभ देता था। याद दिला दूं कि यही वह वर्ष था जब पौने 2 लाख करोड़ का 2G घोटाला अंजाम दिया गया था।
मई 2014 में सत्ता संभालने के पश्चात प्रधानमंत्री मोदी ने 2015-16 में उन स्पेक्ट्रम का एक हिस्सा नीलाम कर के 1.10 लाख करोड़ देश के खजाने में जमा कराए थे जिन्हें कांग्रेसी यूपीए की सरकार ने केवल 7.5 हजार करोड़ में अपने चहेतों को बांट दिया था। इस वर्ष (2021) मार्च में स्पेक्ट्रम नीलामी से मोदी सरकार देश के खजाने में लगभग 77814 करोड़ रुपये एकत्र किए हैं। यह रकम केवल 37% स्पेक्ट्रम की नीलामी से मिली है। शेष 63% स्पेक्ट्रम बिकने के पश्चात यह पूरी रकम 3.92 लाख करोड़ हो जाएगी।
यूपीए शासनकाल में एक और बहुत बड़े मंत्रालय में हुई लूट खसोट की कहानी कल।
वह कहानी राहुल गांधी को यह बताएगी कि देश अब नहीं तब बेचा जा रहा था।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें