क्या आपको पता है...?
नन्दी का मुँह हमेशा शिवलिंग की ओर रहता है ।
परन्तु काशी विश्वनाथ के नन्दी का मुँह ज्ञानव्यापी मस्जिद की ओर है जो कि
असली विश्वनाथ_मंदिर है !
काशी विश्वनाथ मंदिर में शिवलिंग अपने पूर्व असली स्थान पर स्थापित नहीं है...!
नियमानुसार नंदी का मुँह शिवलिंग के ठीक सामने होना चाहिये, किंतु काशी विश्वनाथ में ठीक इसका विपरीत है, क्योंकि ज्योतिर्लिंग अपने मूल स्थान पर नहीं है।
औरंगज़ेब द्वारा तोड़े जाने से पहले भी कई बार आक्रांताओं द्वारा इसे तोड़ा गया था, किंतु हर बार शिवलिंग का पुनर्निर्माण करवा लिया गया था। वर्तमान मंदिर में तोड़े गए शिवलिंग को अहिल्याबाई होलकर ने पुनर्स्थापित करवाया था ।
लोग वहाँ नमाज़ पढ़ते हैं और नन्दी उसके दरवाजे की ओर निहारते हुए 350 वर्षों से अपने आराध्य की प्रतीक्षा कर रहे हैं ..... हमारे विश्वनाथ वहाँ हैं और हमे उनका इंतजार है।
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