आप खुद से पूछिए या गूगल करिए.
(1) इराक की लड़ाई में सद्दाम हुसैन की सेना कितने दिनों तक लड़ी और सद्दाम हुसैन खुद कहाँ छिपा ? कितने दिन छिपा रहा.( क्या सद्दाम लड़ते हुए मारा गया)
(2) ओसामा बिन लादेन कितने दिन लड़ा, फिर कहाँ छुपा रहा.(क्या ओसामा लड़ते हुए मारा गया).
(3) अभी हाल में अफगानी पठानों की सेना कितने दिनों लड़ी? क्यों पठान लड़े या डर के भाग गए?
(4) 1971 में पाकिस्तान बांग्लादेश में कितने दिन लड़ी? कितने सैनिकों ने बिना लड़े हथियार रखें?
(5) गोरी, गजनवी, अब्दाली, कितने बार हारे और भागे? फिर आये ज्यादा जेहादी लेकर कभी जीते कभी हारे.
उनके खुद के अफगानिस्तान देश में क्या वो दिखाई देते है या उनकी विरासत का कोई अता पता है? या सिर्फ भारत की किताबों में ही वो जिंदा है.
ईमान का पक्का शेरखान पठान सिर्फ फ़र्ज़ी इतिहास की किताबों में या सलीम जावेद की फिल्मों का पात्र है, हाड़मांस का एक गवार इंसान जो मोके पर हमेशा भाग निकला और अगर कभी जीता भी तो सिर्फ तादाद के कारण.
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अब मेरी बात, मेरे दृष्टिकोण से -
सदियों से भारत की समस्या जयचंदों के कारण बनी है और इनके कारण बनी हर चुनोतियों को उस कालखंड के राजा या राजवंश जिनमे मुख्यतः सूर्यवंश, चंद्रवंश, यदुवंश, कुरु, मगध, रोड, मौर्या, गुप्त, नाग, पल्लव, कदंब, राय, चौहान, चालुक्य, प्रतिहार, मेवाड़, सिंध, उप्पल, लोहार, तोमर, पाल, परमार, वान, बघेल, रेड्ड़ी, ओडेयर, मराठा, जाट, सिख ने अच्छी तरह से निपटा.
युग बदलते गए, प्राचीन जयचंदों ने आज वामपंथ का रूप धरा हुआ है, ये वामपंथी कई बार अपने झूठ प्रपंचों से जीतते प्रतीत होते है.
कई बार जातियों, भाषाओं में विभाजित सनातनी संस्कृति एवं संस्कार के शंखनाद औऱ उसकी प्रतिध्वनी कम सुनाई देती है लेकिन वो फिर उभर कर आती है.
आज जो देश के राजा है, ओर भविष्य मे जिन भगवा धारी महाराज जी की राजा बनने की उम्मीद है उन पर भरोसा ही हमारी अंतिम आशा है....
ये विश्वास बनाये रखना होगा कि वो न पीठ दिखाएंगे न भागेंगे और ना ही अबकी बार पीठ दिखाकर भागने वालों को ये उनके घर में भी जिंदा छोड़ेंगे .अब राजाओं ने माफ करने की बुरी लत छोड़ दी है , उन्होंने इतिहास से बहुत कुछ सीख लिया है बस अब हम सब सनातनियों को इतिहास से कुछ सीखने की बारी है.
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जय हिन्द,जय मां भारती
भारत माता की जय
जयश्रीराम🚩🚩🚩
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