“सफलता” एक ऐसा शब्द है जिसे सुनते या पढ़ते ही प्रत्येक व्यक्ति के अंदर एक सकारात्मक ऊर्जा कार्य करने लगती है। जो भी व्यक्ति सफलता के बारे में सोचता है, उसके अंदर सफलता को पाने के लिए इच्छा जागने लगती है।
दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति कभी न कभी सफलता के बारे में जरूर सोचता है।
लेकिन सफलता के बारे में सोचते हुए दुनिया के प्रत्येक व्यक्ति के मन में एक ही सवाल होता है कि–
जीवन में सफलता किस प्रकार प्राप्त की जा सकती है?
इस
प्रश्न का उत्तर जानने के लिए कोई व्यक्ति प्रेरणादायक किताबों को पढ़ता
है, कोई प्रेरणादायक ब्लॉग या websites पर इसे search करता है तो कोई
Motivational seminar को join करता है।
अलग-अलग व्यक्ति अलग-अलग
तरीकों से इस प्रश्न के उत्तर को जानने का प्रयास करता है। इस प्रश्न का
उत्तर जानने के लिए आजकल सबसे सरल और सबसे सस्ता तरीका किसी अच्छे
Motivational blog को पढ़ना है।
दोस्तों! इसी बात को ध्यान में
रखते हुए आज मैं आपको सफलता पाने का एक ऐसा तरीका बताने जा रहा हूँ जिसका
प्रयोग अधिकतर सफल व्यक्ति करते हैं।
जब भी किसी
व्यक्ति के मन में यह प्रश्न आये कि Success किस प्रकार प्राप्त की जा
सकती है? तो उसके पास इस उत्तर को जानने के लिए दो तरीके होते हैं—
1.
पहला यह है कि वह सफल हो चुके व्यक्तियों का अनुसरण करे। सफलता के उस
रास्ते पर चले जिस रास्ते पर कोई सफल व्यक्ति चलकर सफलता प्राप्त कर चुका
हो।
2. दूसरा रास्ता यह है कि असफल हो चुके
व्यक्तियों से सीखे कि वह असफल व्यक्ति किस प्रकार असफल हुआ? उस रास्ते के
बारे में भी जाने जिस पर चलकर वह व्यक्ति असफल हुआ था।
पहले
रास्ते का तो बहुत से लोग अनुसरण करते हैं लेकिन मेरे हिसाब से यदि दूसरे
तरीके का प्रयोग किया जाये तो भी सफलता आसानी से प्राप्त की जा सकती है।
एक
बार एक असफल व्यक्ति एक सफल व्यक्ति के पास पंहुचा। इस सफल व्यक्ति की खास
बात यह थी कि वह जो भी कार्य करता था उसमे सफलता प्राप्त करता था।
असफल व्यक्ति ने उससे पूछा, “आपकी सफलता का रहस्य क्या है? क्योकि मैं भी सफल होना चाहता हूँ।”
सफल व्यक्ति थोड़ा मुस्कुराया और बोला, “असफल व्यक्तियों से ही मैंने सफल होना सीखा है।”
असफल व्यक्ति थोड़ा सोच में पड़ गया कि क्या असफल व्यक्तियों से भी कोई सफल होना सीख सकता है?
उसने कहा, “मुझे आपकी बात समझ नहीं आयी, कृपया अपनी बात को स्पष्ट करें।”
तब
उस सफल व्यक्ति ने मुस्कुराते हुए उत्तर दिया, “यह सच है कि असफल
व्यक्तियों से ही मैंने सफल होना सीखा है। यह सफल होने का ऐसा तरीका है
जिसे मेरे जैसे बहुत से सफल व्यक्ति प्रयोग करते हैं।”
तभी असफल व्यक्ति बोला, “क्या असफल व्यक्तियों से भी सफलता के बारे में सीखा जा सकता है?”
सफल व्यक्ति ने कहा, “हाँ!, सीखा जा सकता है।”
असफल व्यक्ति बोला, “लेकिन कैसे???”
तभी सफल व्यक्ति ने उससे पूछा, “पहले यह बताइये कि आप असफल क्यों हुए?”
असफल
व्यक्ति ने बताया, “पहले मैं एक अमीर व्यक्ति था। सफल होने के लिए मैंने
एक कंपनी खोली जिसमें मैंने अपना बहुत सा पैसा लगा दिया।मैं बहुत जल्दी सफल
होना चाहता था। इसीलिए मैंने उसी साल एक दूसरी कंपनी खोल ली जिसमे मैंने
अपना बचा हुआ बाकी पैसा भी लगा दिया। मैंने जल्दबाजी में दो कंपनियां खोल
ली और मैं अपनी किसी भी कंपनी को पूरा समय नहीं दे पाया।
कुछ
ही समय में दोनों कंपनियां घाटे में चलने लगीं। मैं दोनों कंपनियों से
होने वाले Loss को Profit में भी बदल सकता था लेकिन मेरे पास उस घाटे को
पूरा करने के लिए पैसा नहीं बचा था। धीरे-धीरे कंपनी का घाटा बढ़ता चला गया
और दूसरे ही साल मेरी दोनों कंपनियां बंद हो गयीं। आज मैं एक असफल व्यक्ति
हूँ।”
अब सफल व्यक्ति मुस्कुराते हुए बोला, “आपकी असफलता के दो कारण थे– एक
तो आपने दो कंपनी एक ही साल में खोल ली जिससे आप किसी भी एक कंपनी को पूरा
समय नहीं दे पाए।दूसरा, आपने अपनी कंपनियों में अपना सारा पैसा लगा दिया
और जब आपको घाटा हुआ तो उससे उबरने के लिए आपके पास एक भी पैसा नहीं
बचा।………क्या मेरी बातों से आप सहमत हैं?”
असफल व्यक्ति बोला, “हाँ आप सही कह रहे हैं और मैं आपकी बातों से सहमत हूँ।”
“तो आपने अपनी इस असफलता से क्या सीखा?” सफल व्यक्ति बोला।
असफल व्यक्ति बोला, “मैं अपनी असफलता से सीख भी क्या सकता था, यदि सफल होता तो बहुत कुछ सीखता। मेरा तो नसीब ही ख़राब था।”
सफल व्यक्ति बोला, “आपने अपनी खुद की असफलता से कुछ भी नहीं सीखा, इसीलिए आप अब भी असफल हैं। लेकिन
मैं असफल लोगों की असफलताओं से ही सीखकर आज एक सफल इंसान हूँ। मैं असफल
लोगों के द्वारा की गयीं गलतियों से सीखता हूँ और उन गलतियों को अपने जीवन
में नहीं होने देता। यही मेरी सफलता का रहस्य है।”
अब असफल व्यक्ति को अपने प्रश्न का उत्तर मिल गया था।
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