नकारात्मकता से बचने के उपाय, How to Overcome Negative Thoughts

नकारात्मकता से बचने के उपाय,
How to Overcome Negative Thoughts
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हम सब की जिंदगी एक गाड़ी की तरह है और इस गाड़ी का शीशा हमारी सोच, हमारा व्यवहार, हमारा नजरिया है। बचपन में तो यह शीशा बिल्कुल साफ़ होता है, एकदम क्लियर। लेकिन जैसे-जैसे हम बड़े होते जाते है। हमारे आस-पास के लोगो की वजह से, हमारे वातावरण की वजह से, हमारे अपनों की वजह से हमारा खुद के बारे में विश्वास बदलता जाता है।

मतलब इस शीशे पे लोगो की वजह से, वातावरण की वजह से, अपनी वजह से धूल, मिटटी, कचरा जमता जाता है। और इस धूल से भरे, मिटटी से भरे, कचरे से भरे शीशे को हमने अपनी हकीकत मान ली है। कहीं न कहीं हम उस शीशे को साफ़ करना भूल गये हैं।

जैसे किसी को लगता है कि मैं बिज़नस नहीं कर सकता हु क्योंकि मेरे पास पैसे नहीं हैं(खुद का बनाया हुआ विश्वास)।

कोई कहता है

1) मैं अच्छा सेल्समेन नहीं बन सकता क्योंकि मेरा बात करने का तरीका अच्छा नहीं है, मैं बिजनेसमैन नहीं बन सकता, मैं एक अच्छा पति नहीं बन सकता, मैं एक अच्छा अध्यापक नहीं बन सकता।

2) मुझे एक एवरेज लाइफ ही बितानी है क्योंकि मेरे में कुछ खास नहीं है, मैं अमीर नहीं हो सकता क्योंकि मेरी किस्मत ख़राब है, मैं बड़ा नहीं सोच सकता क्योंकि बड़ा सोचना वास्तविक नहीं होता।

3) यह आपकी सोच का शीशा है न, ये ख़राब इसलिए है क्योंकि आपने इसे ख़राब होने दिया है।

4) जब आप गिरे आपने फिर से उठने की कोशिश की, फिर गिरे और फिर उठे और तब तब कोशिश करते रहे जब तक आप सफल नहीं हुए, जब तक आप चलना सीख नहीं पाए।

5 ) सोचो !! क्योंकि तब आपकी सोच का शीशा बिलकुल साफ़ था। वो बहाने नहीं ढूढता था, वो लोगो को बातो में नहीं आता था बस वो अपने आप को दुसरो से कम नही समझता था इसलिए वो कभी हार नहीं मानता था और तब तक कोशिश करता था जब तक आपको सक्सेस नहीं मिलता।

6 ) किसी को लगता है कि मैं अछे मार्क्स नहीं ला सकता क्योंकि मैं हमेशा एक एवरेज स्टूडेंट रहा हु तो यह है खुद का बनाया हुआ विश्वास उस शीशे को कभी साफ करने की कोशिश नहीं की, उस विश्वास को कभी तोड़ने की कोशिश नहीं की।

और फिर?
फिर आप बड़े होते गये। लोगो की बातो का आप पर असर होता गया। आस पास के नकारात्मक (नेगेटिव) माहौल का आप पर असर होता गया। लोगो की बताई बातें, लोगो की फेंकी हुई मिट्टी, कचरे और धूल की वजह से आपकी सोच का शीशा गन्दा होता गया और आपकी गाड़ी की स्पीड कम होती गई और अब आप देख भी नहीं पा रहे। आप ढंग से देख भी नही पा रहे अपनी योग्यता को, अपनी क्षमता को और जितना देख पा रहे हो उसी को अपनी जिंदगी समझ रहे हो। उसी को अपनी क्षमता समझ रहे हो।

बस एक बार विश्वास करके इस शीशे को साफ़ करके एक बार खुद को जान कर पहचान कर खुद पर भरोसा करके देखो। आपके सपने पूरे होगे क्योंकि आपके पास उसको पूरा करने की क्षमता है, आप उसको पूरा करने के योग्य हो।

आज के बाद कोई भी बात आपके दिमाग में आये तो नेगेटिव होने की जगह उस शीशे के ऊपर लगे कचरे को देखने कि जगह उस कचरे को साफ़ करो। यह मत सोचो में नहीं कर सकता सोचो कि मैं कैसे कर सकता हु? मुमकिन कैसे होगा? फिर देखना आपको हर बात पे हल मिलना शुरू हो जायेंगे। गाडी का शीशा और साफ़ होता जाएगा, रास्ता और साफ़ होता जाएगा और आपके गाडी की स्पीड बढती जाएगी-बढती जाएगी, जिंदगी का विकास बढ़ता जाएगा, जिंदगी में कामयाबी मिलती जाएगी।

बस वो वादा कर लो अपने साथ कि आप खुद पर पूरा भरोसा रखोगे वो भी 10% नहीं 30% नहीं 99% भी नहीं 100% विश्वास खुद पे, 100% कॉन्फिडेंस खुद पे, 100% यकीन खुद पे।

$$ J.P. BABBU


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