सफलता का सूत्र

एक बार की बात है किसी शहर में एक लड़का रहता था जो बहुत गरीब था। मेंहनत मजदूरी करके बड़ी मुश्किल से 2 वक्त का खाना जुटा पाता । एक दिन वह किसी बड़ी कंपनी में चपरासी के लिए इंटरव्यू देने गया । बॉस ने उसे देखकर उसे काम दिलाने का भरोसा जताया ।

ये सुनकर लड़के के आत्मसम्मान को बहुत ठेस पहुंची , उसकी जेब में उस समय 50 रुपये थे । उसने उन 50 रुपयों से 1 किलो सेब खरीद कर वह अपने घर चलता बना। वह घर घर जाकर उन सेबों को बेचने लगा और ऐसा करके उसने 80 रुपये जमा कर लिए । अब तो लड़का रोज सेब खरीदता और घर घर जाकर बेचता । सालों तक यही सिलसिला चलता रहा लड़के की कठिन मेहनत रंग लायी और एक दिन उसने खुद की कंपनी खोली जहाँ से विदेशों में सेब सप्लाई किये जाते थे । उसके बाद लड़के ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और जल्दी ही बहुत बड़े पैमाने पर अपना बिज़नेस फैला दिया और एक सड़क छाप लड़का बन गया अरबपति ।

एक कुछ मीडिया वाले लड़के का इंटरव्यू लेने आये और अचानक किसी ने पूछ लिया - सर आपकी email id क्या है ?? लड़के ने कहा - नहीं है, ये सुनकर सारे लोग चौंकने लगे कि एक अरबपति आदमी के पास एक email id तक नहीं है । लड़के ने हंसकर जवाब दिया -मेरे पास email id नहीं है इसीलिए मैं अरबपति हूँ, अगर email id होती तो मैं आज एक चपरासी होता।

मित्रों ,इसीलिए कहा जाता है कि हर इंसान के अंदर कुछ ना कुछ खूबी जरूर होती है, भीड़ के पीछे भागना बंद करो और अपने टेलेंट और स्किल को पहचानो । दूसरों से अपनी तुलना मत करो कि उसके पास वो है मेरे पास नहीं है , जो कुछ तुम्हारे पास है उसे लेकर आगे बढ़ो फिर दुनियां की कोई ताकत तुम्हें सफल होने से नहीं रोक सकती क्या आप एक सफल इंसान बनना चाहते हैं? क्या आप चाहते हैं क़ि दुनिया में आपकी भी एक पहचान हो? यदि हाँ, तो ये article आपके लिए है| सबसे पहले आपसे एक सवाल क्या आपने कोई लक्ष्य बनाया है?

मित्रों, सफलता कोई एक रात का game नहीं है, उसके लिए पूरा जीवन न्योछावर करना पड़ता है|

आज से करीब 40 साल पहले, हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में कुछ researchers ने स्टूडेंट्स पर एक छोटा सा रिसर्च किया| उन्होनें सारे स्टूडेंट्स को एक जगह बुलाया और और उनसे उनके जीवन के लक्ष्य के बारे में पूछा| उन स्टूडेंट्स में एक से एक मेधावी छात्र थे ,कुछ तो काफ़ी विलक्ष्ण थे| लेकिन पूछने पर पता चला की केवल 3% छात्र ऐसे थे जिन्होने अपना एक लक्ष्य बनाया हुआ था|
करीब 20 साल बाद researchers ने फिर फिर से उसी group के स्टूडेंट्स को एक साथ बुलाया और उनसे उनके जीवन के बारे में पूछा|

जब research का रिज़ल्ट सामने आया तो पता चला की जो 3% लोग 20 साल पहले अपना लक्ष्य set कर चुके थे वो आज जीवन में बहुत आगे थे जबकि 97% बचे हुए लोग कहीं ना कहीं आज भी संघर्ष कर रहे थे|

मित्रों ये रिसर्च केवल एक research ना होकर जीवन का एक सत्य था, बिना लक्ष्य के दौड़ने वाले लोग जीवन भर संघर्ष करते रह जाते है लेकिन कुछ प्राप्त नहीं होता|
 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें