कोई अपना नहीं होता

“पतझड़ में मजबूत पत्ते भी झड़ जाया करते हैं”  बात छोटी सी है और देखने में मामूली सी लगती लेकिन कहने वाला बहुत बड़ी बात कह गया है। इस कहावत का मतलब ये है कि जब परेशानियां आती हैं तो अच्छे से अच्छे दोस्त और अच्छे से अच्छे रिश्तेदार या अच्छे संबंधों वाले लोग भी साथ छोड़ देते हैं। यकीन करना हो तो कभी आजमा के देख लेना।
 
सफल होना है तो खुद को इतना मजबूत बनाओ कि अकेले के दम पर ही सब कुछ कर सको।

इतिहास उठा के देख लो जितने भी महान लोग हुए हैं वो सब अभावों में ही जिए हैं। कोई सहारा ना था और ये सहारा नहीं होना ही उनके लिए वरदान साबित हुआ।
 
सच तो ये है कि परेशानियों में ही असली टेलेंट निकल के आता है। अपने मजबूत पत्तों पे भरोसा रखना छोड़ दो।

हम बचपन से ही सहारे लेकर जीते हैं, बचपन में माँ बाप का सहारा, स्कूल में बड़े भाई का सहारा, नौकरी में रिश्तेदारों का सहारा।
 
हम खुद कहाँ कुछ करते हैं आधी उम्मीदें तो हमारी सहारों से जुडी हैं।

जब परेशानियां आती हैं तो लोग बोलते हैं – “कोई अपना नहीं होता”, अरे मेरे दोस्त, अपना कोई था ही कब, सब मोह माया है। पतझड़ आएगा तो पत्ते झड़ेंगे ही, चाहे कितना भी मजबूत पत्ता क्यों ना हो, ये तो कुदरत का नियम है।

सोचो भगवान् ने हम सबको अलग अलग हाथ, कान, पैर, आँख ये सब क्यों दिए क्योंकि भगवान चाहते हैं कि हर इंसान अपना काम खुद कर सके। अगर सहारे की ही बात होती तो कुछ लोगों को ही हाथ पैर दे देते वही दूसरों को सहारा देते रहते।
Self Dependent होना बहुत बड़ी चीज़ है। अभी भी वक्त है इससे पहले की “पतझड़” आये और आपके पत्ते झड़ जायें। उठिये और सबल बनिए क्योंकि आपको आगे तक जाना है……

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