#एक_करवा_चौथ_ऐसा_भी🖒👏👏👏👏👏👏
नई साड़ी और श्रृंगार के साथ करवाचौथ मनाने के लिए लक्ष्मी तैयार होकर जब मंदिर जाने लगी तो उसने अपने पति विनोद का सहारा लिया. हाथ और पांव न होने पर उसकी देखरेख उनकी मां चंद्रकला ही करती है
करवाचौथ (karva chauth 2017) के मौके पर लोगों को एक अलग ही वाक्या देखने को मिला. यहां आदर्श नगर निवासी विनोद और लक्ष्मी ने हाल ही में लव मैरिज की थी. लक्ष्मी के बचपन से ही न दोनों हाथ हैं और न दोनों पांव हैं. उसकी मां ने उसकी शादी को लेकर आस छोड़ दी थी, लेकिन भगवान के मंदिर में लक्ष्मी को विनोद के रूप में अपना जीवनसाथी मिल गया. हालांकि विनोद का एक पैर काम नहीं करता, लेकिन आज लक्ष्मी ने विनोद के लिए करवाचौथ का व्रत रखा और उसे पूरा किया.
कहा- जीवन साथी उसकी हर जरूरत को पूरा करता है...
नई साड़ी और श्रृंगार के साथ करवाचौथ मनाने के लिए लक्ष्मी तैयार होकर जब मंदिर जाने लगी तो उसने अपने पति विनोद का सहारा लिया. हाथ और पांव न होने पर उसकी देखरेख उनकी मां चंद्रकला ही करती है. मुस्कुराते हुए लक्ष्मी कहती है कि जीवन में चाहे भगवान ने हाथ-पांव न दिए हो लेकिन उसका जीवन साथी उसकी हर जरूरत को पूरा करता है. लकवाग्रस्त पैरों के कारण वैशाखी से चलने वाले विनोद ने कहा कि पिछले दिनों ही मेरी लक्ष्मी से शादी हुई है.
पति ने अपने हाथों मे पकड़ी छन्नी
लक्ष्मी दोनों हाथ न होने के कारण पूजा की थाली और छन्नी नहीं पकड़ सकती थी, इसलिए विनोद ने ही छन्नी और पूजा की थाली हाथ में पकड़ी और उसमें से लक्ष्मी ने उसका चहरा देखा. 24 वर्षीय लक्ष्मी बचपन से हैंडीकैप्ड है और विनोद पोलियो से पीड़ित है. दोनों की मुलाकात एक मंदिर में हुई थी। दोनों ने डेढ़ साल की आपसी प्यार के बाद शादी की.
हर सुख-दुख में साथ देने का किया था वादा
विनोद और लक्ष्मी ने कहा कि वो दोनों अभी तक खुद को पूरा महसूस नहीं करते थे, लेकिन जब दोनों एक-दूसरे से मिले और बातचीत शुरू की तो दोनों में प्यार हो गया. एक-दूसरे को पाकर वे खुद को पूरा महसूस करने लगे. इसके बाद उन्होंने फैसला किया और शादी करने का मन बनाया. उन्होंने हर सुख-दुख में एक-दूसरे का साथ देने का वादा किया.
नई साड़ी और श्रृंगार के साथ करवाचौथ मनाने के लिए लक्ष्मी तैयार होकर जब मंदिर जाने लगी तो उसने अपने पति विनोद का सहारा लिया. हाथ और पांव न होने पर उसकी देखरेख उनकी मां चंद्रकला ही करती है
करवाचौथ (karva chauth 2017) के मौके पर लोगों को एक अलग ही वाक्या देखने को मिला. यहां आदर्श नगर निवासी विनोद और लक्ष्मी ने हाल ही में लव मैरिज की थी. लक्ष्मी के बचपन से ही न दोनों हाथ हैं और न दोनों पांव हैं. उसकी मां ने उसकी शादी को लेकर आस छोड़ दी थी, लेकिन भगवान के मंदिर में लक्ष्मी को विनोद के रूप में अपना जीवनसाथी मिल गया. हालांकि विनोद का एक पैर काम नहीं करता, लेकिन आज लक्ष्मी ने विनोद के लिए करवाचौथ का व्रत रखा और उसे पूरा किया.
कहा- जीवन साथी उसकी हर जरूरत को पूरा करता है...
नई साड़ी और श्रृंगार के साथ करवाचौथ मनाने के लिए लक्ष्मी तैयार होकर जब मंदिर जाने लगी तो उसने अपने पति विनोद का सहारा लिया. हाथ और पांव न होने पर उसकी देखरेख उनकी मां चंद्रकला ही करती है. मुस्कुराते हुए लक्ष्मी कहती है कि जीवन में चाहे भगवान ने हाथ-पांव न दिए हो लेकिन उसका जीवन साथी उसकी हर जरूरत को पूरा करता है. लकवाग्रस्त पैरों के कारण वैशाखी से चलने वाले विनोद ने कहा कि पिछले दिनों ही मेरी लक्ष्मी से शादी हुई है.
पति ने अपने हाथों मे पकड़ी छन्नी
लक्ष्मी दोनों हाथ न होने के कारण पूजा की थाली और छन्नी नहीं पकड़ सकती थी, इसलिए विनोद ने ही छन्नी और पूजा की थाली हाथ में पकड़ी और उसमें से लक्ष्मी ने उसका चहरा देखा. 24 वर्षीय लक्ष्मी बचपन से हैंडीकैप्ड है और विनोद पोलियो से पीड़ित है. दोनों की मुलाकात एक मंदिर में हुई थी। दोनों ने डेढ़ साल की आपसी प्यार के बाद शादी की.
हर सुख-दुख में साथ देने का किया था वादा
विनोद और लक्ष्मी ने कहा कि वो दोनों अभी तक खुद को पूरा महसूस नहीं करते थे, लेकिन जब दोनों एक-दूसरे से मिले और बातचीत शुरू की तो दोनों में प्यार हो गया. एक-दूसरे को पाकर वे खुद को पूरा महसूस करने लगे. इसके बाद उन्होंने फैसला किया और शादी करने का मन बनाया. उन्होंने हर सुख-दुख में एक-दूसरे का साथ देने का वादा किया.
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