#कितना_बदल_गया_इन्शान

#कितना_बदल_गया_इन्शान

" माँ-बाप के विश्वास को शर्मसार न करना
बिटिया, किसी ऐरे गैरे से प्यार न करना,

" खून से सींचो तो पनपती हैं प्यारी बेटियां
बहककर घर की लाज तार तार न करना,

"बेटी की सराहना से महकता है आशियाना
उंगली उठे तुम पर ऐसा व्यवहार न करना,

"हुनर के काजल- गजरों से सजाना खुद को
बाजारू समझे ऐसा भौंडा श्रृंगार न करना,

"तुम आशा हो आने वाले कल की" सपना "
बूढ़ी आँखों में आंसुओं का अंबार न करना,

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