क्या आप चाहते हैं कि आपकी संतान बुद्धिमान हो? उसका भविष्य उज्जवल हो। घर में लड़ाई- झगड़े ना हो आपसी सामांजस्य बना रहे।घर में धन की बरकत रहे, तो इसके लिए जरुरी है घर के वास्तु का ध्यान रखना क्योंकि यदि घर के ईशान्य कोण यानी उत्तर-पूर्व में कोई दोष हो तो घर में कभी सुख-शांति नहीं रहती है।

क्या आप चाहते हैं कि आपकी संतान बुद्धिमान हो? उसका भविष्य उज्जवल हो। घर में लड़ाई- झगड़े ना हो आपसी सामांजस्य बना रहे।घर में धन की बरकत रहे, तो इसके लिए जरुरी है घर के वास्तु का ध्यान रखना क्योंकि यदि घर के ईशान्य कोण यानी उत्तर-पूर्व में कोई दोष हो तो घर में कभी सुख-शांति नहीं रहती है।

1-ईशान मुखी भूखण्ड ऐश्वर्य लाभ, वंश वृद्धि, बुद्धिमान संतान व शुभ फल देने वाला है। ऐसे भूखण्ड पर निर्माण करते समय ध्यान रखें कि ईशान कोण कटा व ढका हुआ न हो। प्रयास करें कि प्रत्येक कक्ष में ईशान कोण न घटे।

2- ईशानमुखी भवन में ईशान कोण सदैव नीचा रहना चाहिए। ऐसा करने से सुख-सम्पन्नता व ऐश्वर्य लाभ होगा।

3- ईशान कोण बंद न करें न कोई भारी वस्तु रखें। ईशान मुखी भूखण्ड में आगे का भाग खाली रखें तो शुभ रहेगा।

4- भवन के चारों ओर की दीवार बनाएं तो ईशान दिशा या पूर्व, उत्तर की ओर ऊंची न रखें।

5- ईशान के हिस्से को साफ रखें, यहां कूड़ा-कचरा, गंदगी आदि न डालें। झाड़ू भी न रखें।

6- ईशान मुखी भूखण्ड के सम्मुख नदी, नाला, तालाब, नहर तथा कुआं होना सुख, सम्पत्ति का प्रतीक है।

7- ईशान कोण में रसोई घर न रखें वरना घर में अशांति, कलह व धन हानि होने की संभावना रहती है।

8- घर का जल ईशान दिशा से बाहर निकालें। फर्श का ढलाव भी ईशान कोण की ओर रखें।

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