प्यार हमको एक अच्छा इन्सान बनाता है जो की आज की दुनिया में हम इन्सान कम और मशीन ज्यादा बन चुके है क्या है ये प्यार ????
रूखे से रूखे इंसान के मन में यदि किसी के प्रति प्रेम की भावना जन्म ले लेती है, तो संपूर्ण प्राणी जगत के लिए वह विनम्र हो जाता है। प्रेम चाहे व्यक्ति विशेष के प्रति हो या ईश्वर के प्रति। आश्चर्यजनक रूप से उसकी सोच, उसका व्यवहार, उसकी वाणी सब कुछ परिवर्तित हो जाता है। प्रेम का एहसास होता है बहुत खूबसूरत प्यार, जिन्दगी का सबसे हसीन जज्बा है। बोलने में यह जितना मीठा है, उसका एहसास उतना ही खूबसूरत और प्यारा है। प्यार के एहसास को शब्दों में नहीं बांधा जा सकता।
उसे व्यक्त करने की आवश्यकता भी नहीं होती। व्यक्ति की आंखें, चेहरा, हाव-भाव यहां तक कि उसकी सांसें दिल का सब भेद खोल देती हैं। प्रेमियों की एक अनोखी दुनिया होती है प्रेम की अनोखी दुनिया में खोकर कोई बाहर आना ही नहीं चाहता। वह जिसे प्यार करता है, खुली आंखों से भी उसी के सपने देखता है। उसके साथ बिताई घडिय़ों को बार-बार याद करता है। उसके लिए सजना-संवरना चाहता है। यही नहीं, औरों से बात करते हुए भी उसी का जिक्र चाहता है। यही प्यार का दीवानापन है और इस दीवानेपन में जो आनंद है वह संसार की किसी भौतिकता में नहीं है।
रूखे से रूखे इंसान के मन में यदि किसी के प्रति प्रेम की भावना जन्म ले लेती है, तो संपूर्ण प्राणी जगत के लिए वह विनम्र हो जाता है। प्रेम चाहे व्यक्ति विशेष के प्रति हो या ईश्वर के प्रति। आश्चर्यजनक रूप से उसकी सोच, उसका व्यवहार, उसकी वाणी सब कुछ परिवर्तित हो जाता है। प्रेम का एहसास होता है बहुत खूबसूरत प्यार, जिन्दगी का सबसे हसीन जज्बा है। बोलने में यह जितना मीठा है, उसका एहसास उतना ही खूबसूरत और प्यारा है। प्यार के एहसास को शब्दों में नहीं बांधा जा सकता।
उसे व्यक्त करने की आवश्यकता भी नहीं होती। व्यक्ति की आंखें, चेहरा, हाव-भाव यहां तक कि उसकी सांसें दिल का सब भेद खोल देती हैं। प्रेमियों की एक अनोखी दुनिया होती है प्रेम की अनोखी दुनिया में खोकर कोई बाहर आना ही नहीं चाहता। वह जिसे प्यार करता है, खुली आंखों से भी उसी के सपने देखता है। उसके साथ बिताई घडिय़ों को बार-बार याद करता है। उसके लिए सजना-संवरना चाहता है। यही नहीं, औरों से बात करते हुए भी उसी का जिक्र चाहता है। यही प्यार का दीवानापन है और इस दीवानेपन में जो आनंद है वह संसार की किसी भौतिकता में नहीं है।
प्यार
कब हो जाता है, पता ही नहीं चलता प्रेम सोच-समझकर की जाने वाली चीज नहीं
है। कोई कितना भी सोचे, यदि उसे सच्चा प्रेम हो गया तो उसके लिए दुनिया की
हर चीज गौण हो जाती है। प्रेम की अनुभूति विलक्षण है। प्यार कब हो जाता है,
पता ही नहीं चलता। इसका एहसास तो तब होता है, जब मन सदैव किसी का सामीप्य
चाहने लगता है। उसकी मुस्कुराहट पर खिल उठता है। उसके दर्द से तड़पने लगता
है। उस पर सर्वस्व समर्पित करना चाहता है, बिना किसी प्रतिदान की आशा के।
प्रेम को केवल महसूस किया जा सकता है प्यार के इस भाव व रूप को केवल महसूस किया जा सकता है। इसकी अभिव्यक्ति कर पाना संभव नहीं है। बिछोह का दुख, मिलने न मिलने की आशा-आशंका में जो समय व्यतीत होता है, वह जीवन का अमूल्य अंश होता है। उस तड़प का अपना एक आनंद है। प्यार और दर्द का है एक गहरा रिश्ता प्यार और दर्द में गहरा रिश्ता है। जिस दिल में दर्द न हो, वहां प्यार का एहसास भी नहीं होता। किसी के दूर जाने पर जो खालीपन लगता है, जो टीस दिल में उठती है वही तो प्यार का दर्द है।
इसी दर्द के कारण प्रेमी हृदय कितनी ही कृतियों की रचना करता है। प्रेम तो हो जाने वाली चीज है प्रेम में नकारात्मक सोच के लिए कोई जगह नहीं होती। जो लोग प्यार में असफल होकर अपने प्रिय को नुक्सान पहुंचाने का कार्य करते हैं, वे सच्चा प्यार नहीं करते। प्रेम सकारण भी नहीं होता। प्रेम तो हो जाने वाली चीज है। किसी के ख्यालों में खोकर खुद को भुला देना, उसके सभी दर्द अपना लेना, स्वयं को समर्पित कर देना, उसकी जुदाई में दिल में एक मीठी चुभन महसूस करना, हर पल उसका सामीप्य चाहना, उसकी खुशियों में खुश होना, उसके आंसुओं को अपनी आंखों में ले लेना, हां यही तो प्यार है। इसे महसूस करो और खो जाओ उस सुनहरी अनोखी दुनिया में, जहां सिर्फ सुकून है।
प्रेम को केवल महसूस किया जा सकता है प्यार के इस भाव व रूप को केवल महसूस किया जा सकता है। इसकी अभिव्यक्ति कर पाना संभव नहीं है। बिछोह का दुख, मिलने न मिलने की आशा-आशंका में जो समय व्यतीत होता है, वह जीवन का अमूल्य अंश होता है। उस तड़प का अपना एक आनंद है। प्यार और दर्द का है एक गहरा रिश्ता प्यार और दर्द में गहरा रिश्ता है। जिस दिल में दर्द न हो, वहां प्यार का एहसास भी नहीं होता। किसी के दूर जाने पर जो खालीपन लगता है, जो टीस दिल में उठती है वही तो प्यार का दर्द है।
इसी दर्द के कारण प्रेमी हृदय कितनी ही कृतियों की रचना करता है। प्रेम तो हो जाने वाली चीज है प्रेम में नकारात्मक सोच के लिए कोई जगह नहीं होती। जो लोग प्यार में असफल होकर अपने प्रिय को नुक्सान पहुंचाने का कार्य करते हैं, वे सच्चा प्यार नहीं करते। प्रेम सकारण भी नहीं होता। प्रेम तो हो जाने वाली चीज है। किसी के ख्यालों में खोकर खुद को भुला देना, उसके सभी दर्द अपना लेना, स्वयं को समर्पित कर देना, उसकी जुदाई में दिल में एक मीठी चुभन महसूस करना, हर पल उसका सामीप्य चाहना, उसकी खुशियों में खुश होना, उसके आंसुओं को अपनी आंखों में ले लेना, हां यही तो प्यार है। इसे महसूस करो और खो जाओ उस सुनहरी अनोखी दुनिया में, जहां सिर्फ सुकून है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें