अपने छोटे बच्चे को कृष्ण बनाइये ख़ूब सजाइये
लेक़िन ये बताना मत भूलिये कि बेटा कृष्ण होना मात्र बाँसुरी बजाना,रास रचाना नहीं है
बल्कि कृष्ण होना
द्रौपदी का रक्षक
सुदामा का मित्र
रुकमणी का पति और
गीता का वो कर्मयोगी योगेश्वर होना है
जिसके ज्ञान के आगे समूची दुनिया का ज्ञान आज़ भी बौना है।
यह बताना भी आवश्यक है
कि योगेश्वर भगवान श्रीकृष्ण बांसुरी बजाने के साथ-साथ
सुदर्शन चक्र चलाना भी जानते थे
इसलिए समय पड़ने पर दुष्टों का नाश करने के लिए
आपको सुदर्शन चक्र चलाना होगा
जितनी चीज़ें कृष्ण से छूटीं उतनी तो किसी से नहीं छूटीं। कृष्ण से उनकी माँ छूटी, पिता छूटे, फिर जो नंद-यशोदा मिले वे भी छूटे। संगी-साथी छूटे। राधा छूटीं। गोकुल छूटा, फिर मथुरा छूटी। कृष्ण से जीवन भर कुछ न कुछ छूटता ही रहा। कृष्ण जीवन भर त्याग करते रहे। हमारी आज की पीढ़ी जो कुछ भी छूटने पर टूटने लगती है, उसे कृष्ण को गुरु बना लेना चाहिए। जो कृष्ण को समझ लेगा वह कभी अवसाद में नहीं जाएगा। कृष्ण आनंद के देवता है। कुछ छूटने पर भी कैसे खुश रहा जा सकता है, यह कृष्ण से अच्छा कोई सिखा ही नहीं सकता
इस सृष्टि के सबसे बड़े मार्गदर्शक, मोटिवेटर का जन्मदिवस है आज! खुश होइए,आज का दिन प्रेरणा लेने के लिए ही है
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