आशा की अंधेरी साँझ और तनहाई में दम तोड़ती #करोड़पति मांए। भाई अपने माता पिता का ख्याल रखिये नही तो इस कहानी की तरह आपकी कहानी भी हो सकती है। मगर यह बहुत ही दर्दनाक है। भगवान किसी के साथ ऐसा ना होने दे।

#आशा की अंधेरी साँझ और तनहाई में दम तोड़ती #करोड़पति मांएं
#अमेरिका में बसे इंजीनियर ऋतुराज साहनी #लंबे अरसे बाद अपने घर #मुंबई लौटे तो घर पर उनका सामना अपनी #मां_के_कंकाल से हुआ। बेटे को नहीं मालूम कि उसकी मां #आशा_साहनी की मौत कब और किन परिस्थितियों में हुई। आशा साहनी के #बुढ़ापे की आशा उनके इकलौते बेटे ने #खुद स्वीकार किया कि उसकी मां से #आखिरी बातचीत कोई सवा साल पहले हुई थी। 23 अप्रैल, 2016 को मां ने कहा था कि बेटा अब अकेले नहीं रह पाती हूं। या तो अपने पास अमेरिका #बुला लो या फिर मुझे किसी #ओल्डएज होम में भेज दो। बेटे ने ढाढ़स दिया कि वह #जल्द ही इंडिया आएगा। वह सवा साल बाद मां से किया वादा पूरा करने इंडिया आया, पर मां के हिसाब से देर हो गई। इसी बीच न जाने कब आशा साहनी की मौत हो गई। रविवार को ऋतुराज किसी तरह घर के #भीतर घुसे तो उन्हें अपनी 63 साल की मां आशा साहनी का कंकाल मिला। आशा साहनी #10वें फ्लोर पर अकेले रहती थीं। उनके पति की मौत 2013 में हो चुकी थी। पुलिस के मुताबिक 10वीं मंजिल पर स्थित #दोनों फ्लैट साहनी परिवार के ही हैं।
बेटे ने अंतिम बार अप्रैल 2016 में बात होने की जानकारी ऐसे दी मानो वह अपनी मां से कितना #रेगुलर टच में था। जैसा कि बेटे से बातचीत में आशा ने संकेत भी किया था कि वह इतनी #अशक्त हो चुकी थीं कि उनका अकेले चल फिर पाना और रहना मुश्किल हो गया था। करोड़ों #कमाने वाले बेटे की मां और #छह_करोड़ के फ्लैट की मालकिन आशा साहनी को #अंतिमयात्रा भी नसीब नहीं ही हुई। प्रत्यक्षदर्शियों का यह #अनुमान है कि संभवत: आशा की मौत #भूख_प्यास के चलते हुई। मुंबई के अंधेरी इलाके लोखंडवाला की #पाश_सोसायटी में इस अकेली बुजुर्ग महिला की मौत जिन हालात में हुई, उससे यह #साफ है कि एक अमेरिकी विश्वविद्यालय की रिपोर्ट में छुपी #पश्चिमी_सभ्यता_की_त्रासदी हम भारतीयों के दरवाजे पर #दस्तक देती लग रही है। 
इस रिपोर्ट के मुताबिक मौत का इंतजार ही इस सदी की सबसे बड़ी बीमारी और #जीवनशैली की सबसे बड़ी त्रासदी है। 
अशक्त मां की करुण पुकार सुनकर भी अनसुना कर देने वाला जब अपना इकलौता बेटा ही हो, तो ऐसे समाज में रिश्ते-नातेदारों से क्या अपेक्षा। आशा साहनी की मौत ने फिर #चेताया है कि भारत के शहरों में भी #सामाजिक_ताना_बाना किस कदर बिखर गया है।
😓😔😞

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