अपने स्टाफ को कहा कि इस व्यक्ति को किसी प्रकार की कमी या परेशानी ना हो उसके इलाज की सारी व्यवस्था की रुपए लेने से या मांगने से भी मना किया।
15 दिन तक मरीज अस्पताल में रहा जब बिल्कुल ठीक हो गया और उसको डिस्चार्ज करने का दिन आया तो उस मरीज का बिल डॉक्टर की टेबल पर आया
डॉक्टर ने अपने एकाउंट मैनेजर को बुलाकर कहा इस व्यक्ति से एक पैसा भी नहीं लेना है अकाउंट मैनेजर ने कहा कि डॉक्टर साहब 3 लाख का बिल है नही लेंंगे तो कैसे काम चलेगा।
डॉक्टर ने कहा कि 10 लाख का भी क्यों ना हो एक पैसा भी नहीं लेना ऐसा करो तुम उस मरीज को लेकर मेरे चेंबर में आओ और तुम भी साथ में जरूर आना।
मरीज व्हीलचेयर पर चेंबर में लाया गया साथ में मैनेजर भी थी।
डॉक्टर ने पूछा प्रवीण भाई मुझे पहचानते हो मरीज ने कहा लगता तो है कि मैंने आपको कहीं देखा है डॉक्टर ने याद दिलाया एक परिवार पिकनिक पर गया था लौटते समय कार बंद हो गई और अचानक कार में से धुआं निकलने लगा कार एक तरफ खड़ी कर थोड़ी देर हम लोगों ने चालू करने की कोशिश की परंतु कार चालू नहीं हुई।
दिन अस्त होने वाला था अंधेरा थोड़ा-थोड़ा घिरने लगा था चारों ओर जंगल और सुनसान था।
परिवार के हर सदस्य के चेहरे पर चिंता और भय की लकीरे दिखने लगी।
पति-पत्नी, युवा, पुत्री और छोटा बालक सब भगवान से प्रार्थना करने लगे कोई मदद मिल जाए।
थोड़ी ही देर में चमत्कार हुआ मैले कपड़े में एक युवा बाइक के ऊपर उधर से आता हुआ दिखा।
हम सब ने दया की नजर से हाथ ऊंचा करके उसको रुकने का इशारा किया वह तुम ही थे ना प्रवीण तुमने गाड़ी खड़ी रखकर हमारी परेशानी का कारण पूछा फिर तुम कार के पास गए कार का बोनट खोला और चेक किया हमारे परिवार को और मुझको ऐसा लगा कि जैसे भगवान ने हमारी मदद करने के लिए तुमको भेजा है क्योंकि बहुत सुनसान था अंधेरा भी होने लगा था और जंगल घना था वहां पर रात बिताना बहुत मुश्किल था और खतरा भी बहुत था तुमने हमारी कार चालू कर दी हम हम सबके चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई मैंने जेब से बटुआ निकाला और तुमसे कहा भाई सबसे पहले तो तुम्हारा बहुत आभार रुपए पास होते हुए भी ऐसी मुश्किल में सहायता नहीं मिलती है।
तुमने ऐसे कठिन समय में हमारी मदद की इस सहायता की कोई कीमत नहीं है यह अमूल्य है परंतु फिर भी मैं पूछना चाहता हूं बताओ कितने पैसे दूं।
उस समय तुमने मेरे से हाथ जोड़कर कहा जो तुमने शब्द कहें वह शब्द अब मेरे जीवन की प्रेरणा बन गए हैं तुमने कहा मेरा नियम और सिद्धांत है कि मुश्किल में पड़े व्यक्ति की मदद के बदले कभी पैसे नहीं लेता मैं मुश्किल में पड़े हुए लोगों से कभी मजदूरी नहीं लेता मेरी इस मजदूरी का हिसाब भगवान रखते हैं।
एक गरीब और सामान आय का व्यक्ति अगर इस प्रकार के उच्च विचार रखें और उनका संकल्प पूर्वक पालन करें तो मैं क्यों नहीं कर सकता तुमने कहा कि यहां से 10 किलोमीटर आगे मेरा गैराज है मैं गाड़ी के पीछे पीछे चल रहा हूं गैराज पर चलकर की पूरी तरह से गाड़ी चेक कर लूंगा और फिर आप आगे की यात्रा करें मित्र यह बात यह घटना पूरे 3 साल होने को आए मैंने तो तुमको भुला ना तुम्हारे शब्दों को मैंने भी अपने जीवन में वही संकल्प ले लिया 3 साल हो गए मुझे कोई कमी नहीं पड़ी बल्कि मुझे मेरी अपेक्षा से भी अधिक मिला क्योंकि मैं भी तुम्हारे सिद्धांत के अनुसार चलने लगा
एक बात मैंने सीखी
बड़ा दिल तो गरीब और सामान्य लोगों का ही होता है बाकियों का तो कोई ना कोई स्वार्थ
उस समय मेरी परेशानी देखकर तुम चाहे जितने मर्जी पैसे मांग सकते थे परंतु तुमने पैसे की बात ही नहीं की पहले कार चालू की और फिर भी कुछ भी नहीं लिया यह अस्पताल मेरा है तुम यहां मेरे मेहमान बनकर आए मैं तुमसे कुछ भी नहीं ले सकता प्रवीण ने कहा कि साहब आपका जो खर्चा है वह तो ले लो डॉक्टर ने कहा कि मैंने अपना परिचय का कार्ड तुमको उस वक्त नहीं दिया क्योंकि तुम्हारे शब्दों ने मेरी अंतरात्मा को जगा दिया अब मैं भी अस्पताल में आए हुए ऐसे संकट में पड़े लोगों से कुछ भी नहीं लेता हूं यह ऊपर वाले ने तुम्हारी मजदूरी का हिसाब रखा और मजदूरी का हिसाब आज उसने चुका दिया मेरी मजदूरी का हिसाब भी ऊपर वाला रखेगा और कभी जब मुझे जरूरत होगी जरूर चुका देगा।
अकाउंट मैनेजर से डॉक्टर ने कहा कि ज्ञान पाने के लिए जरूरी नहीं कि कोई गुरु या महान पुरुष ही हो।
एक सामान्य व्यक्ति भी हमारे जीवन के लिए बड़ी शिक्षा और प्रेरणा दे सकता है प्रवीण से डॉक्टर ने कहा तुम आराम से घर जाओ और कभी भी कोई परेशानी हो तो बिना संकोच के मेरे पास आ सकते हो प्रवीण ने चेंबर में रखी भगवान की तस्वीर के सामने हाथ जोड़कर कहा हे प्रभु आपने आज मेरे कर्म का पूरा हिसाब चुका दिया इसलिए अपने कर्म का सदैव ध्यान रखें और जरूरतमंदों की मदद अवश्य करें
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धन्यवाद
✍️ जे०पी० बब्बू
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